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Monday, March 21, 2022

Brahma Puran PDF Download in Hindi: Brahma Purana Free PDF Download

Brahma Puran PDF Download: Gita Press Brahma Puran Free PDF Download
Brahma Puran PDF Download: Gita Press Brahma Puran Free PDF Download

 


Brahma Puran PDF in Hindi Free Download: Fellow worshippers can download the sacred text of Brahma Puran PDF in Hindi from this page. We have uploaded and collected all related texts. Here on this page, we have provided the latest download link for Brahma Puran PDF in Hindi Free. Please feel free to download it on your computer/mobile.


It is said that Brahma Purana describes the various aspects of human learning. Although quite small in size, Brahma Purana holds special significance amongst the 18 Puranas in terms of knowledge and learning. We also find mention of mythological texts like Bhagavad Gita, Mahabharata, Harivansh Purana, Ramayana.


Brahma Puran PDF in Hindi Free Download

Here are some of the other details regarding the Brahma Puran PDF in Hindi link.


Book Name

Brahma Puran

Religion

Hindi

Format

PDF

Provider

Spandanam Blog


How to download Brahma Puran PDF in Hindi Online?

  1. Visit the website of Spandanam Blog.
  2. Search for Hindu Sacred Texts.
  3. Now look for Brahma Puran PDF Free Download post.
  4. Click on the post to download the PDF in Hindi link.

About Brahma Puran


ब्रह्म पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। इसे पुराणों में महापुराण भी कहा जाता है। पुराणों की दी गयी सूची में इस पुराण को प्रथम स्थान पर रखा जाता है। कुछ लोग इसे पहला पुराण भी मानते हैं। इसमें विस्तार से सृष्टि जन्म, जल की उत्पत्ति, ब्रह्म का आविर्भाव तथा देव-दानव जन्मों के विषय में बताया गया है। इसमें सूर्य और चन्द्र वंशों के विषय में भी वर्णन किया गया है। इसमें ययाति या पुरु के वंश–वर्णन से मानव-विकास के विषय में बताकर राम-कृष्ण-कथा भी वर्णित है। इसमें राम और कृष्ण के कथा के माध्यम से अवतार के सम्बन्ध में वर्णन करते हुए अवतारवाद की प्रतिष्ठा की गई है।

इस पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति, पृथु का पावन चरित्र, सूर्य एवं चन्द्रवंश का वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि का चरित्र, तीर्थों का माहात्म्य एवं अनेक भक्तिपरक आख्यानों की सुन्दर चर्चा की गयी है। भगवान् श्रीकृष्ण की ब्रह्मरूप में विस्तृत व्याख्या होने के कारण यह ब्रह्मपुराण के नाम से प्रसिद्ध है। इस पुराण में साकार ब्रह्म की उपासना का विधान है। इसमें 'ब्रह्म' को सर्वोपरि माना गया है। इसीलिए इस पुराण को प्रथम स्थान दिया गया है। पुराणों की परम्परा के अनुसार 'ब्रह्म पुराण' में सृष्टि के समस्त लोकों और भारतवर्ष का भी वर्णन किया गया है। कलियुग का वर्णन भी इस पुराण में विस्तार से उपलब्ध है। ब्रह्म के आदि होने के कारण इस पुराण को 'आदिपुरण' भी कहा जाता है। व्यास मुनि ने इसे सर्वप्रथम लिखा है। इसमें दस सहस्र श्लोक हैं। प्राचीन पवित्र भूमि नैमिष अरण्य में व्यास शिष्य सूत मुनि ने यह पुराण समाहित ऋषि वृन्द में सुनाया था। इसमें सृष्टि, मनुवंश, देव देवता, प्राणि, पुथ्वी, भूगोल, नरक, स्वर्ग, मंदिर, तीर्थ आदि का निरूपण है। शिव-पार्वती विवाह, कृष्ण लीला, विष्णु अवतार, विष्णु पूजन, वर्णाश्रम, श्राद्धकर्म, आदि का विचार है।

सम्पूर्ण 'ब्रह्म पुराण' में २४६ अध्याय हैं। इसकी श्लोक संख्या लगभग १०,००० है। इस पुराण की कथा लोमहर्षण सूत जी एवं शौनक ऋषियों के संवाद के माध्यम से वर्णित है। यही कथा प्राचीन काल में ब्रह्मा ने दक्ष प्रजापति को सुनायी थी।


Download Brahma Purana PDF in Hindi Free

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FAQs Regarding Brahma Puran PDF in Hindi Free Download


How many puranas are there in Hindu Culture??

There are 18 puranas in all of Hindu culture. You can find the link to many purans below.

Who wrote all 18 Puranas?

All puranas were written by Veda Vyasa.

The Rules For Performing Brahma Purana

The pandit who performs the Brahma Purana Katha should have knowledge of the reason & purpose behind this great book. Besides, he should have the necessary knowledge of the scriptures and the Vedas. According to the Brahma Purana, the person reciting it should be virtuous and of good character. While reciting Brahma Puran, both the Pandit and Yajaman (the host) should fast for seven days and should eat only one time in the entire day. Besides, there should be an arrangement of good, pure and vegetarian food for your loved ones and family. First, the underprivileged and needy people should take food, only after that, the family members should take food.


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